Wednesday, October 14, 2009

जीत में हार

जीतने वाले को मिली, एक हार का मैं हाल हूँ
जो भी चाहा, वो ही मिला, फिर भी मैं बेहाल हूँ
जिस जीत का जशन, चारो ओर मेरे मन रहा
उस जीत में शामिल हादसे की मैं एक मिसाल हूँ


आये हैं मिलने यार मेरे बांटने मेरी ख़ुशी
भीगी आँखें, लब पर हंसी, कैसा एक जंजाल हूँ
जीतने के जोश में, जाने कितने कसीदे पढ़े
उस जीत की मुस्कान के पीछे छुपा मलाल हूँ
..................जीतने वाले को मिली, एक हार का मैं हाल हूँ
जो भी चाहा, वो ही मिला, फिर भी मैं बेहाल हूँ


आज हर कोई मुझे तकदीर का धनी कहे
अपनी दौलत के तले, दबा हुआ कंगाल हूँ
जाने किस जीत को पाने में सब कुछ खो दिया
जीत कर ख़ुशी को बेचने वाला एक दलाल हूँ
..................जीतने वाले को मिली, एक हार का मैं हाल हूँ
जो भी चाहा, वो ही मिला, फिर भी मैं बेहाल हूँ


हार का अब रास्ता, कोई दिखा दे मुझको कभी
हार खो जाने के ग़म में एक नाच मैं बेताल हूँ
बील जाए जीत के सावन का मौसम जल्दी ही
हार के पतझड़ को तरसता, एक सूना साल हूँ
..................जीतने वाले को मिली, एक हार का मैं हाल हूँ
जो भी चाहा, वो ही मिला, फिर भी मैं बेहाल हूँ

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